भारत का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म KOO हुआ बंद, छोटी पीली चिड़िया ने कहा फाइनल गुडबाय
भारत का सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म कू (KOO) आखिरकार बंद हो गया है. इसकी जानकारी खुद कंपनी को को-फाउंडर मयंक बिदावतका (Mayank Bidawatka) ने दी है.
भारत का सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म कू (KOO) आखिरकार बंद हो गया है. इसकी जानकारी खुद कंपनी को को-फाउंडर मयंक बिदावतका (Mayank Bidawatka) ने दी है. उन्होंने अपने लिंक्डइन हैंडल पर लिखा- 'छोटी पीली चिड़िया फाइनल गुडबाय कहती है.' बता दें कि माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर को टक्कर देने के लिए अप्रमेय राधाकृष्ण (Aprameya Radhakrishna) और मयंक ने भारत के लिए ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म कू को बनाया था.
कू का लोगो छोटी पीली चिड़िया है. गौरतलब है कि भारत में ‘कू’ की लोकप्रियता 2021 के आसपास चरम पर थी. उस समय भारत सरकार का ट्विटर (अब नाम एक्स) के साथ विवाद चल रहा था और घरेलू डिजिटल मंच के परिवेश के विस्तार की मांग बढ़ रही थी.
क्या लिखा है मयंक ने?
मयंक बिदावतका ने अपनी लिंक्डइन पोस्ट में लिखा है- कू के बारे में यह मेरे और अप्रमेय राधाकृष्ण की तरफ से फाइनल अपडेट है. पिछले 4 सालों में आप लोगों की शुभकमानाओं और सपोर्ट के लिए आप सभी का धन्यवाद.
क्यों बंद हुआ ये प्लेटफॉर्म?
TRENDING NOW
TATA Group के इस स्टॉक से गिरते बाजार में भी होगी तगड़ी कमाई! शॉर्ट टर्म में खरीदारी का नोट करें टारगेट
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
सिगरेट बनाने वाली कंपनी ने किया 1750% डिविडेंड का ऐलान, नोट कर लें रिकॉर्ड डेट, सालभर में 187% दिया रिटर्न
मयंक ने अपनी पोस्ट में बताया है कि यह स्टार्टअप उन्हें क्यों बंद करना पड़ा. उन्होंने बताया है कि कंपनी की तरफ से पार्टनरशिप को लेकर की जा रही बातचीत आगे नहीं बढ़ सकी और इसे बंद करना पड़ा. कंपनी ने कई बड़ी कंपनियों और मीडिया हाउस के साथ पार्टनरशिप को लेकर बातचीत की, लेकिन उम्मीद के मुताबिक कुछ नहीं मिल पाया.
मयंक का कहना है कि अधिकतर लोग यूजर जनरेटेड कंटेंट और सोशल मीडिया के वाइल्ड नेचर को देखते हुए डील नहीं करना चाहते थे. एक टेक्नोलॉजी ऐप को चलाने की लागत बहुत अधिक होती है और हम उसे नहीं झेल पाए, जिसके चलते अब कंपनी का ऑपरेशन बंद करना पड़ रहा है.
बहुत जरूरत थी ऐसे ऐप की
हमने देखा कि भाषाओं को लेकर एक बड़ा गैप है. भारत में ट्विटर है, जो पूरी तरह से अंग्रेजी में है. जिस दुनिया में 80 फीसदी लोग अंग्रेजी के अलावा दूसरी भाषा बोलते हैं, वहां पर कू जैसे ऐप की बड़ी जरूरत महसूस हुई. हम लोगों के लिए उनकी अपनी स्थानीय भाषा में एक दूसरे से जुड़ने का एक प्लेटफॉर्म बनाना चाहते थे.
फंडिंग विंटर की भेंट चढ़ गई कंपनी
बंद होने से पहले कू पर रोजाना एक्टिव यूजर्स 2.1 मिलियन थे. वहीं मंथली एक्टिव यूजर्स 10 मिलियन थे. इसमें 9000 से अधिक वीआईपी लोग भी थे. हम 2022 में ट्विटर से निपटने से बस थोड़ा ही दूर थे, लेकिन यह प्लेटफॉर्म आगे नहीं बढ़ पाया. इसके बंद होने की सबसे बड़ी वजह फंडिंग विंटर कही जा रही है.
03:06 PM IST